पंद्रहवीं पोस्ट - चार चीज़ें अल्लाह तआ़ला क़ियामत तक ज़रूर रखेगा

बिस्मिल्लाहिर्रह़मानिर्रह़ीम
नह़मदुहू व नुस़ल्ली व नुसल्लिमु अ़ला रसूलिहिल करीम।
रब तबारक व तआ़ला ने हमें यह बताया है कि कम से कम चार चीजे़ं उस अ़ज़्ज़ व जल्ल के फ़ज़्लो करम से क़ियामत तक ज़रूर बाक़ी रहेंगीं।
उस में सबसे पहले है क़ुरआन पाक।चुनांचे रब तबारक व तआ़ला क़ुरआन पाक में इरशाद फ़रमाता है...
اِنَّا نَحۡنُ نَزَّلۡنَا الذِّکۡرَ وَ اِنَّا لَہٗ لَحٰفِظُوۡنَ ﴿۹﴾
बेशक हम(अ़ज़्ज़ व जल्ल)ने उतारा है यह क़ुरआन पाक और बेशक हम(अ़ज़्ज़ व जल्ल) ख़ूद इस के निगेहबान हैं।
दूसरी चीज़ है सरकार स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम की अह़ादीसे शरीफ़ा(सुन्नते रसूल स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम)
चुनांचे रब तबारक व तआ़ला सूरह निसा शरीफ़ आयत नंबर 49 में इरशाद फ़रमाता है...
یٰۤاَیُّہَا الَّذِیۡنَ اٰمَنُوۡۤا اَطِیۡعُوا اللّٰہَ وَ اَطِیۡعُوا الرَّسُوۡلَ
ऐ ईमान वालो ह़ुक्म मानो अल्लाह तआ़ला का और ह़ुक्म मानो रसूल स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम का।

और सूरह अनफ़ाल शरीफ़ की पहली आयते मुबारक में रब तबारक व तआ़ला इरशाद फ़रमाता है...
وَ اَطِیۡعُوا اللّٰہَ وَ رَسُوۡلَہٗۤ اِنۡ کُنۡتُمۡ مُّؤۡمِنِیۡنَ {۱}
 और अल्लाह तआ़ला और रसूल स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम का ह़ुक्म मानो अगर तुम ईमान रखते हो।
और एक ख़ास वाक़या भी पढ़ लें।
एक बार ह़ज़रत इमाम शाफ़िई़ रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो ने मक्कह मोअ़ज़्ज़मह में फ़रमाया:मुझ से जो चाहो पूछो!मैं क़ुरआन पाक से जवाब दुंगा।किसी ने सवाल किया अह़राम का कपड़ा पहन कर ज़ंम्बूर(एक जानवर) को क़त्ल करने का क्या ह़ुक्म है?फ़रमाया(सूरह ह़श्र शरीफ़ की यह आयते मुबारक पढ़ी)
وَ مَاۤ اٰتٰىکُمُ الرَّسُوۡلُ فَخُذُوۡہُ ق وَ مَا نَہٰىکُمۡ عَنۡہُ فَانۡتَہُوۡا ۚ 
और जो कुछ रसूल स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम अ़त़ा फ़रमाएं वह लो और जिस से मना फ़रमाएं बाज़ रहो।
यानी अल्लाह तआ़ला ने इरशाद फ़रमाया "रसूलल्लाह स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम का ह़ुक्म मानो"।
और आगे ह़ज़रत इमाम शाफ़िई रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो ने फ़रमाया कि रसूलल्लाह स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम की यह ह़दीस शरीफ़ हम तक पहूंची...
रसूलल्लाह स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम ने इरशाद फ़रमाया:उन दो की पैरवी कर जो मेरे बाद जानशीन होंगे,'अबूबकर व उ़मर रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहोमा।
और आगे ह़ज़रत इमाम शाफ़िई रदीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो ने फ़रमाया हमें ह़ज़रते उ़मर रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो की यह ह़दीस शरीफ़ पहूंची की उन्होंने अह़राम बांधे हुए शख़्स को यह ह़ुक्म दिया कि ज़ंम्बूर को क़त्ल करे।(ह़ज़रत अ़ल्लामा जलालुद्दीन सुयूत़ी फ़िल इत्तेक़ान) बह़वालह जामेउ़ल अह़ादीस सुन्नत की अहमियत का बयान।
उपर की क़ुरआने पाक की तीनों आयात में और दोसरी पचासों आयात में अल्लाह तआ़ला ने क़ियामत तक के लिए अपने प्यारे ह़बीब स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम की अत़ाअ़त का ह़ुक्म फ़रमाया है।अगर अह़ादीसे शरीफ़ा क़ियामत तक बाक़ी नहीं रहेंगी तो अल्लाह तआ़ला का अपने प्यारे ह़बीब स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम की अत़ाअ़त का ह़ुक्म कैसे पूरा होगा।इस से यह बात साफ़ मालूम हुई कि अल्लाह तआ़ला क़ियामत तक अह़ादीसे शरीफ़ा भी बाक़ी रखेगा।
तीसरी जो चीज़ अल्लाह तआ़ला क़ियामत तक बाक़ी रखेगा वह है सच्चे ईमान वालों का एक गिरोह,जिसे "अहले सुन्नत वल जमाअ़त" के नाम से जाना जाता है।
चुनांचे तिरमिज़ी शरीफ़ में ईमान के बयान में ह़ज़रते अबूहुरैरह रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो से मरवी है कि रसूलल्लाह स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम ने फ़रमाया "यहूदी इकहत्तर या बहत्तर फ़िरक़ों में तक़सीम हो गए इसी तरह निसारा(ई़साई)भी,और मेरी उम्मत तिहत्तर फ़िरक़ों में तक़सीम होगी।इस बाब में ह़ज़रते सअ़द,ह़ज़रते अ़ब्दुल्लाह इब्ने अ़मर,और ह़ज़रते औ़फ़ इब्ने मालिक रिद़वानुल्लाहे अ़लैहिम अजमई़न से भी रिवायत है।(ह़ज़रत इमाम तिरमिज़ी रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो फ़रमाते हैं)ह़ज़रत अबूहुरैरह रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो की ह़दीस शरीफ़(यानी यह ह़दीस शरीफ़)ह़सन स़ह़ीह़ है।
और
स़ह़ीह़ बुख़ारी शरीफ़ में अंम्बिया अ़लैहिमुस़्स़लातो वस्सलाम के बयान में ह़ज़रते उ़मैर इब्ने हानी रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो ह़ज़रते अमीर मुआ़वियह रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो से रिवायत करते हैं वह कहते हैं कि मैं ने रसूलल्लाह स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम को यह फ़रमाते हुए सुना कि मेरी उम्मत का एक गिरोह अल्लाह तआ़ला के ह़ुक्म पर हमेशा क़ाएम रहेगा।जो कोई उन को ज़लील(बेइ़ज़्ज़त) करेगा या उन की मुख़ालफ़त करेगा तो वह उन को(यानी उन के अ़क़ीदे को) कुछ नुक़सान ना पहुंचा सकेगा।और क़ियामत तक वह इसी ह़ालत(ईमान पर) साबित क़दम रहेंगे।उ़मर इब्ने हानी, मालिक इब्ने युख़ामिर के ज़रीए़ से रिवायत करते हैं कि ह़ज़रते मुआ़ज़ रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो फ़रमाते हैं कि वह लोग मुल्के शाम में होंगे।तो ह़ज़रते अमीर मुआ़वियह रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो ने फ़रमाया कि यह मालिक इब्ने युख़ामिर इस बात का दावा कर रहे हैं कि इन्होंने ह़ज़रते मुआ़ज़ रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो को फ़रमाते हुए सुना है कि वह लोग मुल्के शाम में होंगे।
यानी मुसलमानों का जो एक सच्चा गिरोह रहेगा वह हमेशा हर दौर में दुनिया में रहेगा।ख़ास तौर पर मुल्के शाम में इस सच्चे गिरोह के कुछ लोग हर दौर में ज़रूर रहेंगे।लेकिन मुल्के शाम के अस़ल में जो ह़िस़्स़े हैं वह जोरडन,आजकल का सीरिया, फ़लस्तीन लबनान,और तुरकी का निचला ह़िस़्स़ा वग़ैरह हैं।सिर्फ आजकल का सीरिया यह पूरा मुल्के शाम नहीं है।
मुल्के शाम और सच्चे गिरोह के बारे में एक और ह़दीस शरीफ़ देखिये...
जामेअ़ तिरमिज़ी शरीफ़ में मुआ़वियह इब्ने क़ुर्रह अपने वालिद रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो से रिवायत करते हैं कि रसूलल्लाह स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम ने फ़रमाया"जब अहले शाम में ख़राबी पैदा हो गई तो तुम में कोई ख़ैर व भलाई न होगी।मेरी उम्मत में से एक (सच्चा) गिरोह ऐसा है जिस की हमेशा मदद व नुस़रत(अल्लाह तआ़ला की त़रफ़ से) होती रहेगी।और किसी का उन की मदद न करना उन्हें(उन के अ़क़ीदे को) नुक़सान नहीं पहुंचाएगा यहां तक कि क़ियामत क़ायम हो।" इस बारे में अ़ब्दुल्लाह इब्ने ह़वालह, इब्ने उ़मर, ज़ैद इब्ने साबित और अ़ब्दुल्लाह इब्ने अ़म्र रिद़वानुल्लाहे अ़लैहिम अजमई़न से भी अह़ादीस मन्क़ूल हैं।ह़ज़रत इमाम तिरमिज़ी रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो फ़रमाते हैं यह ह़दीस शरीफ़ ह़सन स़ह़ीह़ है।
इस स़ह़ीह़ ह़दीस शरीफ़ में यह ख़ास बात शुरू में ही रसूलल्लाह स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम ने बता कर सारी दुनिया के हर दौर के मुसलमानों को ख़बरदार फ़रमा दिया है कि जब मुल्के शाम के ह़ालात गड़बड़ाएं(यानी वहां अहले सुन्नत वल जमाअ़त के लोग मुस़ीबत में पड़ें) तो सब लोग चौकन्ने, सावधान हो जाना कि अब सारी दुनिया में बदमज़हबीयत, फ़साद, फ़ितना फ़ैलेगा।चुनांचे रसूलल्लाह स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम ने इस चेतावनी के फ़ौरन बाद अपनी उम्मत में के सच्चे ईमान वाले गिरोह का ज़िक्र फ़रमाया और उस सच्चे गिरोह की निशानी यह बताई कि वह गिरोह हमेशा हर दौर में रहेगा और अल्लाह तआ़ला की क़ियामत तक उसे मदद ह़ास़िल रहेगी।यानी यहां पर रसूलल्लाह स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम ने साफ़ तौर पर बता दिया है कि ऐसे ख़तरनाक दौर में हर शख़्स को अपने ईमान की ह़िफा़ज़त के लिए सच्चे ईमान वाले गिरोह की पहचान ह़ास़िल कर के उस गिरोह के साथ हो जाना चाहिए।
(सच्चे ईमान वाले गिरोह की पहचान के बारे में पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें...https://www.gchishti.com/2019/09/2-2.html )
और चौथी जो चीज़ रब तबारक व तआ़ला क़ियामत तक इस दुनिया में बाक़ी रखेगा वह है अहलेबैत सादाते कराम रिदवानुल्लाहे अ़लैहिम अजमई़न का एक गिरोह।यानी सादात कभी भी सारे कि सारे गुमराह नहीं होंगे।उन में का एक गिरोह ज़रूर सुन्नी यानी अहले सुन्नत वल जमाअ़त रहेगा।चुनांचे
जामेअ़ तिरमिज़ी शरीफ़ में मनाक़िब(तअ़रीफ़) के बयान में ह़ज़रते जाबिर बिन अ़ब्दुल्लाह रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो से मरवी है कि मैंने रसूलल्लाह स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम को ह़ज के मौक़े पर अपनी ऊंटनी क़स़्वा पर सवार होकर अ़रफ़ात के मैदान में ख़ुत़बह देते हुए देखा।आप स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम ने फ़रमाया"ऐ लोगो!मैं तुम लोगों में दो चीजे़ं छोड़ कर जा रहा हूं।अगर उन्हें पकड़े रखोगे तो कभी गुमराह नहीं होगे।एक क़ुरआन मजीद दोसरे मेरे अहलेबैत।इस बाब में ह़ज़रते अबूज़र, ह़ज़रते अबूसई़द, ह़ज़रते ज़ैद इब्ने अऱक़म और ह़ुज़ैफ़ह इब्ने असीद रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहुम से भी रिवायत है।ह़ज़रत इमाम तिरमिज़ी रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो फ़रमाते हैं यह ह़दीस शरीफ़ इस सनद से ह़सन ग़रीब है।ज़ैद बिन ह़सन से सअ़द बिन सुलैमान और कई ह़ज़रात रिवायत करते हैं।
जामेअ़ तिरमिज़ी शरीफ़ में मनाक़िब(तअ़रीफ़) के बयान में ह़ज़रते ज़ैद इब्ने अरक़म रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो से मरवी है कि रसूलल्लाह स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम ने फ़रमाया कि मैं तुम में दो चीजे़ं छोड़ कर जा रहा हूं।अगर उन्हें पकड़े रखोगे तो कभी गुमराह नहीं होगे।उन में से एक दोसरी से बहुत बड़ी है।और जो बड़ी है वह अल्लाह तआ़ला की किताब है।गोया कि आसमान से ज़मीन तक एक रस्सी लटक रही है।और दोसरी मेरे अहलेबैत।यह दोनों ह़ौज़(ह़ौज़े कौसर) पर पहुंचने तक कभी जुदा नहीं होंगे।पस देखो कि तुम मेरे बाद उन से क्या सुलूक करते हो।ह़ज़रत इमाम तिरमिज़ी रद़ीयल्लाहो तआ़ला अ़नहो फ़रमाते हैं यह ह़दीस शरीफ़ इस सनद से ह़सन ग़रीब है।
चुनांचे रसूलल्लाह स़ल्लल्लाहो तआ़ला अ़लैहि व आलिही व सल्लम के बताने के मुताबिक़ अहलेबैत अत़हार हमेशा क़ियामत तक ज़रूर रहेंगे।अहलेबैत से अगर कुछ लोग गुमराह भी हो जाएं तब भी उन में एक गिरोह ह़क़्क़ानियत पर ज़रूर क़ाएम रहेगा।

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